लोषु ग्रीड के अनुसार पंच तत्वों से एक दुसरे के निर्माण की प्रक्रिया


आपने पुराणों में पढ़ा होगा की सबसे पहले आकाश उत्पन्न हुआ आकाश से वायु, वायु से अग्नि, अग्नि से जल और जल से भूमि का प्रादुर्भाव हुआ। ठीक इसी प्रकार लोशु ग्रिड भी पांच तत्वों पर आधारित है और ये पांचों तत्व किसी ना किसी रूप में एक दूसरे से जुड़े हुए है। जहां एक तरफ इन तत्वों से एक दूसरे का निर्माण होता है तो दूसरी तरफ यही तत्व एक दूसरे का संहार का कारण भी बनते है। वही इन्ही तत्वों के माध्यम से एक दूसरे का पालन पोषण भी होता है। इन तत्वों के अंदर तीनों प्रकार के गुण सतगुण, रजोगुण और तमोगुण  का स्वरूप विद्यमान है।  हर तत्व की अपनी एक विशेषता, महत्व और गुण है। 

इस लेख के माध्यम से लोशू ग्रीड / फेंग शुई के  पांच महत्वपूर्ण तत्वों की प्रक्रिया को मैं अपने शब्दो में समझाने की कोशिश कर रहा हूं इस लेख में मैं इन पांचों तत्वों से एक दूसरे के निर्माण की प्रक्रिया को समझाने की कोशिश कर रहा हूं।

लोषु ग्रीड के अनुसार आने वाले पांच तत्व नीचे दिए गए है।
1. wood element लकड़ी तत्व 
2. Earth element पृथ्वी तत्व
3. Metal element धातु तत्व
4. Water element जल तत्व
5. Fire element अग्नि तत्व


तो चलिए सबसे  हम बात करते है पंच तत्वों से एक दूसरे के निर्माण की। आपने देखा होगा की जब हम लकड़ी को किसी माध्यम से जलाते है तो उस से अग्नि उत्पन्न होती है। उस लकड़ी का जब अग्नि के साथ संपर्क होता है तो वह लकड़ी राख में बदल जाती है  यही राख बहुत बड़ी मात्रा में जमा होने पर गहरे भूमिगत स्तर पर अधिक दबाव और तापमान, ऊर्जाओं की प्रक्रिया के कारण धातु और मौकिक पत्थरों में परिवर्तित हो जाती है। और जब धातु पिघलता है तो वो तरल पदार्थ में परिवर्तित हो जाता है धातुओं का पिघलना तरल अवस्था में होता है, जिसे हम मान सकते हैं कि यह पृथ्वी का 'जल' तत्व है। इस तरल धातु में संचित तत्व और मिनरल्स के कारण विभिन्न प्रकार के पादप उत्पन्न होते हैं, जो फिर लकड़ी तत्व में परिवर्तित होते हैं। 

यानी की इस प्रक्रिया से हम कह सकते है की लकड़ी से अग्नि, अग्नि से पृथ्वी, और पृथ्वी से धातु, धातु से जल और जल से वापस लकड़ी का निर्माण हुआ। 


इस लेख में आपको जो भी कमी लगे और में इस लेख में कैसे और भी ज्यादा सुधार कर सकता हूं आप मुझे कमेंट बॉक्स में बता सकते है। 


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